सांसद श्री शंकर लालवानी ने मॉनसून सत्र 2023 को लेकर पत्रकार वार्ता को संबोधित किया

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सांसद श्री शंकर लालवानी ने मॉनसून सत्र 2023 को लेकर पत्रकार वार्ता को संबोधित किया

इंदौर

इंदौर के लोकप्रिय सांसद श्री शंकर लालवानी ने पत्रकार वार्ता में सम्मानीय पत्रकार बंधुओं को संबोधित करते हुए कहा कि संसद सत्र का मानसून सत्र 2023 अपने आप में एक अत्यंत सफल एवं प्रभावी सत्र रहा सत्र आरंभ के पूर्व से ही विपक्ष के घमंडीया गठबंधन का रवैया देश के सामने आ चुका था मणिपुर में हुई दुर्भाग्यजन हिंसा की आड़ में संसद की कार्यवाही को बाधित एवं देश की जनता को गुमराह करने का षडयंत्र रचा गया परंतु जैसे-जैसे संसद का सत्र आगे बढ़ा विपक्ष के घमंडीया गठबंधन का असली चेहरा उजागर हो गया है देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में अनेक विधायक जनहित में पारित हुए एवं विपक्ष के घमंडीया गठबंधन का भ्रामक दुष्प्रचार विफल हुआ।

आपने कहा कि विपक्ष के घमंडीया गठबंधन द्वारा लगातार किए जा रहे व्यवधान और हंगामे के बावजूद मोदी सरकार ने आम नागरिकों के जीवन को और अधिक सरल एवं सुविधाजनक बनाने हेतु महत्वपूर्ण विधायी सुधार पारित किए हैं यह न केवल आम जनता के हित में काम करने में मोदी सरकार के दृढ़ संकल्प को दर्शाता है बल्कि विपक्ष के घमंडियां गठबंधन द्वारा खेली जा रही संवेदनहीन और संकीर्ण सोच वाली राजनीति को भी उजागर करता है सत्र के दौरान व्यवधान पैदा करने की तथा देश की जनता को गुमराह करने के विपक्ष के घमंडिया गठबंधन के विफल प्रयासों के बाद भी मोदी सरकार ने सेवा सुशासन और गरीब कल्याण पर ध्यान केंद्रित करते हुए भारत को अमृत काल में ले जाने की दिशा में अपने कदमों को मजबूती से आगे बढ़ाया है सत्र में लोकसभा और राज्यसभा के साथ 25 सरकारी विधेयक प्रस्तुत किए गए 23 विधेयक दोनों सदनों में पारित हुए जबकि 7 विधेयक 11 अगस्त 2023 तक भारत के राजपत्र में अधिसूचित किए गए हैं सरकार ने औपनिवेशिक आपराधिक कानून को निरस्त करने और अमृत काल के अनुरूप सुधार लाने के उद्देश्य से देश के अपराधिक न्याय प्रणाली में सुधार के लिए तीन विधेयक भी प्रस्तुत किए तीनों विधेयकों को स्थाई समिति के पास भेजा गया है।
जानते हैं पारित किए गए प्रमुख विधेयक और उनका महत्व पहला विधेयक है राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार संशोधन विधेयक 2023 राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार कानून 1991 राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार संशोधन विधेयक 2023 संशोधित करता है यह महत्वपूर्ण है क्योंकि ये दिल्ली एन.सी.टी में भ्रष्टाचार मुक्त शासन सुनिश्चित करेगा । इसके साथ ही डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक 2023 पारित हुआ यह देश में डिजिटल व्यक्तिगत डेटा को सुरक्षित और विनियमित करने का प्रयास करता है विधेयक का उद्देश्य वैध उद्देश्यों के लिए डिजिटल व्यक्तिगत डेटा के प्रसंस्करण के साथ-साथ ऐसे डाटा की सुरक्षा सुनिश्चित करना है ।इसके साथ ही मध्यस्थता विधेयक 2023 भी पारित किया गया जिसमें विवादों के लागत प्रभावी निपटान के लिए सामुदायिक, संस्थागत और ऑनलाइन मध्यस्थता को मान्यता देता है और प्रोत्साहित करता है जिसके परिणाम स्वरुप यह सुनिश्चित होता है कि नागरिकों को सरलता के साथ बेहतर एवं त्वरित न्याय मिले। साथ ही अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन विधेयक 2023 पारित हुआ जिसका उद्देश्य एक आत्मनिर्भर पारिस्थितिकी तंत्र (इकोसिस्टम)का निर्माण करना है जो निजी क्षेत्र के वित्तीय संसाधनों का दोहन करते हुए देश के भीतर वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा देता है, सरकार भारत में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के लिए निजी क्षेत्र के बड़े योगदान के साथ 50,000 करोड़ का फंड भी स्थापित करेगी जिससे हमारे युवाओं को अनुसंधान के लिए भारत में ही एक पारिस्थितिकी तंत्र मिलेगा । इसके अलावा तटीय जल कृषि प्राधिकरण संशोधन विधेयक 2023 पारित हुआ जो एक्वाकल्चर प्राधिकरण अधिनियम 2005 में संशोधन करता है इसका उद्देश्य प्रक्रियाओं को सरल बनाना, जलीय कृषि गतिविधियों के पंजीकरण करने में तेजी लाना,अनुपालन और नियामक बोझ को कम करना है एक और महत्वपूर्ण विधेयक राष्ट्रीय नर्सिंग होम मिडवाइफरी आयोग 2023 पारित हुआ जो राष्ट्रीय नर्सिंग और मिडवाइफरी शिक्षा और अभ्यास को विनियमित और मानकीकृत करने के लिए एक राष्ट्रीय नर्सिंग और मिडवाइफरी आयोग स्थापित करेगा। इसका उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय मानक वर्गीकरण द्वारा निर्धारित नर्सिंग मानकों का पालन सुनिश्चित करके स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में वृद्धि करना है यह विधेयक सुनिश्चित करेगा कि स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने ,रोगियों के निगरानी करने, गर्भवती महिलाओं के प्रसव एवं नवजात शिशु की देखभाल और उपचार करने में जनता को अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधा प्राप्त हो। परंतु इन विधेयकों को संसद में पारित कराना इतना सरल नहीं था क्योंकि विपक्ष के घमंडियां गठबंधन ने बहुत से व्यवधान उत्पन्न किए संसद के मानसून सत्र में मणिपुर की स्थिति पर विपक्ष के घमंडिया गठबंधन द्वारा लगातार व्यवधान डाला गया जिसमें नारेबाजी वेल में आना वाकआउट और महत्वपूर्ण कानून पर बहस में भाग न लेना शामिल था, विपक्ष ने लगातार हंगामा कर दोनों सदनों के कामकाज को बाधित करने तथा देश की जनता को दिशा भ्रमित करने की कोशिश की जिसके कारण सत्र के दौरान सदनों को कई बार स्थगित करना पड़ा ,राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे संवेदनशील विषय को ताक पर रखते हुए मणिपुर की स्थिति पर राजनीतिक लाभ उठाने के लिए विपक्ष के घमंडीया गठबंधन के प्रयास को देशभर में निंदा की जा रही है संसद में व्यवधान उत्पन्न करने के कारण विपक्ष के 4 सांसदों को निलंबित किया गया जिसमें श्री संजय सिंह आम आदमी पार्टी ,श्री सुशील कुमार रिंकू आम आदमी पार्टी, श्री डेरेक ओब्रायन एआईडीसी और अधीर रंजन चौधरी कांग्रेस शामिल है। इतना ही नहीं विपक्ष के घमंडीया गठबंधन द्वारा केवल व्यवधान ही नहीं संसद में तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत भी किया गया जैसे कि सांसदों की सहमति के बिना चयन समिति के प्रस्ताव में उनके नाम शामिल करना ऐसा ही एक उदाहरण तब सामने आया जब श्री राघव चड्ढा जो आम आदमी पार्टी पंजाब से हैं ने जीएनसीटीडी विधेयक 2023 को विचार के लिए चयन समिति के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए राज्यसभा के समक्ष एक प्रस्ताव रखा, विषय तब गंभीर हो गया जब कम से कम पांच सांसदों ने सदन के सभापति के सामने कहा कि उन्होंने कभी भी अपने नाम को चयन समिति प्रस्ताव में शामिल करने पर सहमति नहीं दी थी, कुछ सांसदों ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में सभापति को शिकायत की हैं और अन्य ने कहा कि वह इस घटना पर श्री राघव चड्ढा को विशेष अधिकार हनन नोटिस भेजेंगे। इतना ही नहीं विपक्ष के घमंडीया गठबंधन द्वारा पूरे मानसून सत्र में बाधा डालने और इस बात पर जोर देने के बावजूद की मणिपुर मुद्दे पर बस होनी चाहिए जब वास्तव में इस मामले पर चर्चा करने और उसे पर मोदी सरकार के बयानों को सुनने की बात आई तो विपक्ष ने वाकआउट कर दिया, जिससे यह इंगित होता है कि इनका पूरा एजेंडा केवल इस मुद्दे पर दिखावा करना था और वास्तव में इसे संबोधित कराना नहीं था।
परंतु इसके बावजूद भी मानसून सत्र के कुछ सकारात्मक बिंदु भी है जैसे अविश्वास प्रस्ताव प्.छ.क्.प्.। गठबंधन के विपक्ष के घमंडीया गठबंधन सदस्यों द्वारा लाया गया था इसमें बहस में भाग लेने वाले 59 संसद सदस्य शामिल है सदन की प्रत्येक सदस्य को सदन में बोलने के लिए पर्याप्त समय दिया गया और फिर स्पीकर ने ध्वनि मत के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत किया जिस बहुमत ने स्वीकार कर दिया। सदन में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के भाषण के मुख्य बिंदु जिसमें पहले नरेंद्र मोदी जी ने कहा कि देश की जनता ने हमारी सरकार के प्रति बार-बार विश्वास जताया है मैं आज देश के कोटि-कोटि नागरिकों का आभार व्यक्त करने के लिए उपस्थित हुआ हूं उन्होंने कहा कि यह लोग वर्ष 2018 में भी अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए थे उस समय भी हमने कहा था यह हमारा फ्लोर टेस्ट नहीं बल्कि विपक्ष का फ्लोर टेस्ट है श्री नरेंद्र मोदी जी ने कहा कि आपको गरीबों की भूख की चिंता नहीं आपको सत्ता की भूख है आपको देश के युवाओं का भविष्य नहीं बल्कि अपने भविष्य की चिंता है हमारे देश की युवा पीढ़ी का सामर्थ आज विश्व ने माना हुआ है हमें उनके सामर्थ पर भरोसा करना चाहिए हमारी युवा पीढ़ी अपने संकल्प को सिद्धि तक ले जाने का सामर्थ्य रखती है हमने युवाओं को घोटाले रहित सरकार दी है प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि विपक्ष ने प्.छ.क्.प्.। के टुकड़े कर दिए यूपीए को यह लगता है कि देश का नाम इस्तेमाल करके अपनी और विश्वास को बढ़ाया जा सकता है प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं कांग्रेस की मुसीबत समझता हूं वह वर्षों से एक फेल प्रोडक्ट को बार-बार लॉन्च करते हैं।

सदन में श्री अमित शाह जी ने मणिपुर राज्य को लेकर विपक्ष की ओर से की जा रही राजनीति को शर्मनाक बताया उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि “होता हैं“ रवैया एनडीए के बजाय यूपीए सरकार की अधिक विशेषता रही है उन्होंने बताया कि मणिपुर में पिछले 6 वर्षों से स्थिरता का अनुभव हो रहा है नगण्य घुसपैठ और कोई कर्फ्यू या नाकाबंदी नहीं है उन्होंने 29 अप्रैल से पहले मैतई समुदाय को जनजाति दर्जा देने के उच्च न्यायालय के फैसले की आलोचना की जिसके कारण दंगे हुए उन्होंने मणिपुर के जातीय संघर्ष के योगदान देने वाले कारणों के बारे में खास जानकारी दी उन्होंने कहा कि 3 मई से पहले तक पिछले 6 वर्षों में कोई कर्फ्यू नहीं लगाया गया था उन्होंने एक विशेष जांच दल एसआईटी की स्थापना और मणिपुर के लिए 30,000 मेट्रिक टन राशन के आवंटन के बारे में बताया गृहमंत्री श्री अमित शाह जी ने अपने भाषण में सदन को बताया कि मणिपुर की हिंसा में हमारा कोई आदमी शामिल नहीं है मैं यही सदन में नाम नहीं लेना चाहता अगर आप सुनना चाहते तो मैं बता सकता हूं गृह मंत्रालय के रिकॉर्ड में सभी का नाम है।