Cyclone: कुछ ही घंटों में दस्तक देगा ‘जवाद’, 100 किमी की गति से चलेंगी हवाएं, आंध्र प्रदेश-ओडिशा में UGC-NET परीक्षाएं स्थगित

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Cyclone Jawad : कोरोना संकट के बीच देश के पूर्वी राज्यों में एक नई मुसीबत सामने आ खड़ी हुई है। मौसम विभाग के मुताबिक पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना दबाव उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ रहा है और अगले कुछ घंटों में यह खतरनाक चक्रवाती तूफान में बदल सकता है। इसके शनिवार की सुबह तक उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश और दक्षिण ओडिशा तट पर पहुंचने की संभावना है। IMD ने साइक्लोन जवाद (Cyclone Jawad) को लेकर कई राज्यों में अलर्ट जारी कर रखा है। ताजा चेतावनी के मुताबिक इस तूफान की रफ्तार 100 किमी प्रति घंटे रहने के आसार हैं और तेज हवाओं की वजह से पेड़ तथा बिजली के खंभे उखड़ सकते हैं।

उधर तूफान को लेकर जारी चेतावनी और खतरे को देखते हुए ओडिशा और आंध्र प्रदेश में 5 दिसंबर को होनेवाली UGC-NET की परीक्षा स्थगित कर दी गई हैं। इन दोनों राज्यों के लिए ये परीक्षाएं फिर से री-शेड्यूल की जाएंगी। वहीं विजयवाड़ा, विशाखापट्टनम, भुवनेश्वर, संबलपुर, कटक, कोलकाता और दुर्गापुर में होने वाले इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन ट्रेड (IITF) की एमबीए प्रवेश परीक्षा को भी री-शेडयूल किया गया है। ये परीक्षा 5 दिसंबर को होनी थी। इन क्षेत्रों के लिए परीक्षा की नई तिथि की बाद में घोषणा की जाएगी।

मौसम विभाग की चेतावनी

अगले 24 घंटों के दौरान उत्तर, उत्तर-पूर्व की ओर फिर से और ओडिशा तट के साथ आगे बढ़ने की संभावना है। मछुआरों को भी समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी जाती है क्योंकि बंगाल की खाड़ी के ऊपर 90 से 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है।चक्रवाती तूफान की वजह से उत्तर तटीय आंध्र प्रदेश के अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश या गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है। इस दौरान निरंतर हवा की गति 80 से 90 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से रहेगी और इसके अधिकतम 100 किमी प्रति घंटे तक जाने की संभावना है।

तेज हवाओं की वजह से पेड़ और बिजली के खंभे के उखड़ने की संभावना है। इसलिए लोगों से सुरक्षित दूरी बनाये रखने के निर्देश दिये गये हैं। मौसम विभाग ने किसानों को आगाह करते हुए कहा है कि वे अपनी फसलों की सुरक्षा करें। निचले इलाकों के लोगों को सुरक्षित जगहों पर रहना चाहिए, क्योंकि बारिश की वजह से बाढ़ की स्थिति पैदा हो सकती है। चक्रवाती तूफान के कारण भूस्खलन भी हो सकता है इसलिए पहाड़ों के निचले हिस्से में रहनेवाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर चले जाना चाहिए।

इस चक्रवात की वजह से ओडिशा, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश के आसार जताए गए हैं। इससे जिससे निचले इलाकों में बाढ़ और खड़ी फसलों, विशेष रूप से धान को काफी नुकसान पहुंचने की संभावना है। उधर राज्य सरकारों ने इससे निपटने की तैयारी शुरु कर दी है। तटीय जिलों में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), राज्य अग्निशमन सेवा और आपदा त्वरित कार्रवाई बल की कई टीमों को को तैनात किया जा रहा है। केन्द्र सरकार भी इस पर नजर बनाये हुए है।