Emergency Alert on Phone: क्या आपके फोन पर भी इमरजेंसी अलर्ट सिस्टम आया है? दरअसल, कई यूजर्स के फोन पर इमरजेंसी का एक मैसेज आया है | इस मैसेज को भारत सरकार ने भेजा है, लेकिन सवाल आता है कि ऐसा क्यों किया गया है ? सरकार एक अलर्ट सिस्टम को टेस्ट कर रही है, जिसके लिए इस मैसेज को भेजा गया है | आइए जानते हैं क्या है ये अलर्ट मैसेज और क्यों भेजे जा रहे ये मैसेज?
भारत सरकार अपने इमरजेंसी अलर्ट सिस्टम को टेस्ट कर रही है. इस सिस्टम को टेस्ट करने के लिए सरकार ने एक मैसेज भेजा है, जो देशभर के कई यूजर्स के स्मार्टफोन पर आया है | देशभर में बहुत से यूजर्स को इमरजेसी अलर्ट के नाम से ये मैसेज आया है | इस मैसेज को तेज बीस साउंड के साथ भेजा गया, जो Emergency Alert: Severe फ्लैश के साथ आया है |
ये मैसेज पैन इंडिया इमरजेंसी अलर्ट सिस्टम का हिस्सा है, जिसे National Disaster Management Authority द्वारा तैयार किया जा रहा है | इस सिस्टम को इमरजेंसी के वक्त लोगों को अलर्ट करने के लिए यूज किया जाएगा |
कितने बजे भेजा गया मैसेज?
इस सिस्टम को टेस्ट के लिए फ्लैश मैसेज दोपहर 1.30 बजे जियो और BSNL के सब्सक्राइबर्स को भेजा गया था | ये मैसेज C-DOT (सेल ब्रॉडकास्टिंग सिस्टम बाय डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम) के जरिए भेजा गया था |
हालांकि, इस फ्लैश मैसेज के बाद एक और मैसेज आया, जिसमें लोगों को इनफॉर्म किया गया कि ये एक टेस्ट मैसेज था | C-DOT के मुताबिक, अलग-अलग रीजन में इसी तरह के दूसरे टेस्ट भी किए जाएंगे |
इसका मकसद इमरजेंसी वॉर्निंग सिस्टम की क्षमताओं और सेल ब्रॉडकास्टिंग सिस्टम की क्षमता और प्रभाव को जांचने के लिए किया जाएगा | C-DOT के CEO राजकुमार उपाध्याय ने बताया कि ये टेक्नोलॉजी फिलहाल एक फॉरेन वेंडर के जरिए उपलब्ध है, इसलिए C-DOT इस सिस्टम को इन-हाउस विकसित कर रहा है |
क्या लिखा था मैसेज में?
उन्होंने बताया, ‘सेल ब्रॉडकास्टिंग टेक्नोलॉजी पर अभी काम चल रहा है, इसे NDMA (नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी) द्वारा इम्प्लीमेंट में किया जाएगा, जिसका इस्तेमाल इमरजेंसी के वक्त सीधे फोन पर मैसेज भेजने के लिए किया जाएगा | इस टेक्नोलॉजी को फिलहाल जियो और BSNL पर टेस्ट किया गया है |’
उपाध्याय ने बताया कि सेल ब्रॉडकास्टिंग मैसेज के कई वर्जन मौजूद हैं, जिन्हें विकसित किया जा रहा है | यूजर्स को भेजे मैसेज में लिखा गया है, ‘ये एक SAMPLE TESTING MESSAGE है, जिसमें C-DOT, भारत सरकार से भेजा गया है | कृपया इस मैसेज को इग्नोर करें. इसमें किसी एक्शन की जरूरत नहीं है, इस मैसेज को टेस्ट करने के लिए भेजा गया है |’
क्यों ऐसे मैसेज भेज रही है सरकार?
आपने मन में ये सवाल जरूर आया होगा कि इस तरह के मैसेज सरकार क्यों टेस्ट कर रही है? दरअसल, इस ब्रॉडकास्ट मैसेजिंग सर्विस का इस्तेमाल इमरजेंसी के वक्त किया जाएगा | मान लीजिए किसी एरिया में सरकार को बाढ़ की या फिर तूफान का अलर्ट जारी करना है | उस स्थिति में सरकार इस सर्विस का इस्तेमाल कर सकेगी |
ये पूरा प्रॉसेस ठीक उसी तरह से काम करेगा जैसे रेडियो पर वार्निंग का मैसेज भेजा जाता है | चूंकि अब लोगों के पास फोन होता है और अपने ज्यादातर काम के लिए वो इसका ही इस्तेमाल करते हैं | ऐसे में सरकार लोगों को चेतावनी भेजने के नए तरीके पर काम कर रही है|