गुंडागर्दी कर रहे मंत्री राजवर्धनसिंह दत्तीगांव! पुजारी ने बताया जान का खतरा
धार में नरसिंह मंदिर में ट्रस्टी और पुजारी परिवार के बीच विवाद, पुजारी परिवार ने लगाया मंत्री दत्तीगांव पर गुंडागर्दी का आरोप
एमपी के एक मंत्री पर गुंडागर्दी के आरोप लगे हैं। प्रदेश के उद्योग मंत्री राजवर्धनसिंह दत्तीगांव और उनके भाई हषर्वधनसिंह पर धार के नरसिंह मंदिर के पुजारी ने ये आरोप लगाए हैं। पुजारी ने मंत्री और उनके भाई से अपनी व परिवार के सदस्यों की जान का खतरा भी बताया है। इसके लिए उन्होंने बाकायदा सीएम शिवराजसिंह चौहान से न्याय की गुहार लगाई है।
धार में नरसिंह मंदिर को लेकर ट्रस्टी और पुजारी परिवार के बीच का विवाद लगातार बढ़ रहा है। मंगलवार की शाम को पुजारी के कक्ष को तोड़ने के दौरान भारी विवाद के बीच पथराव भी हुआ था। इसके बाद पीड़ित पुजारी संतोष मिश्रा सोशल मीडिया पर सक्रिय हो गए। बीती रात उन्होंने सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट कर उद्योग मंत्री राजवर्धनसिंह दत्तीगांव और उनके भाई व ट्रस्ट के अध्यक्ष हषर्वधनसिंह से अपनी और परिवार के सदस्यों की जान का खतरा बताया है।
पुजारी मिश्रा का आरोप है कि उन्हें मंदिर से हटाने के लिए दुष्कर्म का झूठा केस दर्ज करा दिया गया है। इसको लेकर उन्होंने एसडीएम और एसपी-कलेक्टर को आवेदन दिया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए सीएम से न्याय की गुहार लगाई है। साथ ही न्याय नहीं मिलने पर आत्महत्या करने की चेतावनी भी दी।
ये है मामला
नरसिंह देवला में भगवान नरसिंह देव का मंदिर है, जो सरकारी है और ट्रस्ट के अधीन है। पुजारी मिश्रा का कहना है कि उनका परिवार पीढियों से मंदिर की पूजा-अर्चना करता आ रहा है। सभी का नाम सरकारी रेकॉर्ड में दर्ज होने के साथ उन्हें मानदेय मिलता है। संतोष मिश्रा ने पुजारी के संबंध में मांग रखी लेकिन उनका आवेदन खारिज कर दिया गया। सोमवार तक मिश्रा के बेटे वेदांत ने मंदिर में पूजा-अर्चना की।
नरसिंह देवला में भगवान नरसिंह देव का मंदिर है, जो सरकारी है और ट्रस्ट के अधीन है। पुजारी मिश्रा का कहना है कि उनका परिवार पीढियों से मंदिर की पूजा-अर्चना करता आ रहा है। सभी का नाम सरकारी रेकॉर्ड में दर्ज होने के साथ उन्हें मानदेय मिलता है। संतोष मिश्रा ने पुजारी के संबंध में मांग रखी लेकिन उनका आवेदन खारिज कर दिया गया। सोमवार तक मिश्रा के बेटे वेदांत ने मंदिर में पूजा-अर्चना की।
इधर, ट्रस्टी पक्ष ने दूसरे पुजारी को नियुक्त कर दिया जिसके बाद विवाद हो गया। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि मिश्रा यहां अनाधिकृत रूप से रह रहे थे। मंदिर शासकीय होने से नियमानुसार एसडीएम या कलेक्टर पुजारी नियुक्त करते हैं। मिश्रा के पास उसकी अनुमति नहीं थी। फिलहाल मामला कोर्ट में चल रहा है।
सरदारपुर के एसडीएम राहुल चौहान बताते हैं कि मंदिर सरकारी है। वहां नए पुजारी रखने के लिए ट्रस्ट ने आवेदन देने के साथ प्रस्ताव भेजा था। संतोष मिश्रा अनाधिकृत रूप सेे पूजा-अर्चना कर रहे थे। उन्हें प्रशासन ने पुजारी नियुक्त नहीं किया है। ट्रस्ट ने ही कक्ष को खाली कराया।
इधर धार के एसपी मनोज कुमार सिंह के मुताबिक पुजारी दुष्कर्म के मामले में फरार हैं। वह अपने निर्दोष होने की बात कोर्ट में साबित कर दें। पुलिस अपना काम कर रही है। बचाव के लिए झूठ बोला जा रहा है।
मंत्री दत्तीगांव और उनके भाई पर लगे गुंडागर्दी के आरोप के इस मामले में कांग्रेस भी कूद गई है। गंधवानी के विधायक उमंग सिंघार ने इस घटना के संबंध में ट्वीट कर भाजपा शासन में ब्राह्मणों पर अत्याचार का मुद्दा उठाया है।