बागी, दागी और उम्रदराज भी उम्मीदवार, जानिए भाजपा के जिताऊ फॉर्मूले पर कैसे बैठते हैं फिट

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बागी, दागी और उम्रदराज भी उम्मीदवार, जानिए भाजपा के जिताऊ फॉर्मूले पर कैसे बैठते हैं फिट

 

भाजपा की 39 उम्मीदवारों की पहली सूची में बागी है। दागी है और उम्रदराज भी है। साफ है कि भाजपा ने जिताऊ फॉर्मूले की कसौटी पर इन्हें भी परखा ही होगा। कई सीटों पर विरोध के सुर तेज हो रहे हैं।
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भारतीय जनता पार्टी ने 39 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। इसके साथ ही भाजपा ने कांग्रेस के मुकाबले बढ़त बना ली है। इतने पर भी दिक्कत कम नहीं हुई बल्कि बढ़ गई है। सूची के सामने आने के साथ ही कई जगह प्रत्याशियों का विरोध शुरू हो गया है। बागी, दागी, 70 से अधिक उम्र के प्रत्याशी बनाने पर सवाल उठ रहे हैं। परिवारवाद के खिलाफ बात करने वाली पार्टी ने उसे बढ़ावा दिया तो इस पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। हालांकि, राजनीतिक जानकार इसे भाजपा की रणनीति का हिस्सा बता रहे हैं।

 

छतरपुर भाजपा में गुटबाजी 
जब से केंद्रीय नेतृत्व ने मध्य प्रदेश के चुनावी रणनीति अपने हाथ में ली है, चौंकाने वाले फैसले सामने आ रहे हैं। चुनाव से तीन-चार महीने पहले पहली लिस्ट भी कम चौंकाने वाली नहीं है। भाजपा ने कथित तौर पर सर्वे के आधार पर टिकट बांटे है। अब छतरपुर से लेकर संबलगढ़ तक पार्टी में गुटबाजी सामने आ रही है। छतरपुर से प्रत्याशी ललिता यादव का पार्टी के ही कार्यकर्ताओं ने विरोध शुरू कर दिया है। एक गुट छतरपुर से अर्चना गुड्डू सिंह का टिकट मांग रहा है। तर्क है कि अर्चना गुड्डू सिंह पिछला चुनाव काफी कम वोट से हारी थी। वह चुनाव जीत सकती है। अर्चना गुड्डू सिंह के समर्थन में कार्यकर्ताओं ने जमकर बवाल काटा।

सबलगढ़ में भी नाराजगी 
भाजपा ने मुरैना जिले की सबलगढ़ सीट से सरला विजेंद्र रावत को उम्मीदवार बनाया है। पिछली बार भी सरला उम्मीदवार थी। उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। सरला को टिकट देने से एक ही परिवार को लगातार टिकट देने के आरोप लगे है। इस सीट पर भाजपा के प्रदेश महामंत्री रणवीर सिंह रावत भी तैयारी कर रहे थे। पिता का टिकट कटने पर बेटे आदित्य रावत का दर्द सोशल मीडिया पर छलक आया है। उन्होंने लिखा कि पार्टी के लिए 20 साल खपा दिए। इसके बाद भी जो लोग पार्टी छोड़कर गए, पार्टी को भला-बुरा कहा। उन्हें वापस बुलाकर टिकट दिया गया। सहनशक्ति की भी एक सीमा होती है।

लांजी सीट पर भी उठे विरोध के स्वर 
बालाघाट की लांजी विधानसभा सीट पर भाजपा ने राजकुमार कर्राहे को उम्मीदवार बनाया है। इसके बाद पूर्व विधायक रमेश भटेरे और उनके समर्थकों ने विरोध शुरू कर दिया है। उनके खिलाफ रैली निकालकर भाजपा प्रत्याशी राजकुमार हटाओ-भाजपा बचाओ जैसे नारेबाजी की। भटेरे 2008 में विधायक चुने गए। इसके बाद लगातार दो चुनाव हार गए। इस बार पार्टी ने भटेरे की जगह राजकुमार कर्राहे को टिकट दिया। बता दें राजकुमार कर्राहे भाजपा में उपेक्षा के चलते नाराज होकर इसी साल आम आदमी पार्टी में चले गए थे। पार्टी ने उनकी वापसी करा कर उनको नए चेहरे के रूप में टिकट दिया है।

इन बागियों पर भी भरोसा 
पार्टी ने सुमावली सीट से अदल सिंह कंसाना को उम्मीदवार बनाया है। कंसाना कांग्रेस में थे। भाजपा में शामिल होने के बाद उपचुनाव हारे थे। अब पार्टी ने उन्हें दोबारा उम्मीदवार बनाया है। शिवपुरी की पिछोर सीट से प्रीतम लोधी को भाजपा ने उम्मीदवार बनाया है। लोधी उमा भारती के करीबी हैं। लोधी को पार्टी ने ब्राह्मणों पर आपत्तिजनक टिप्पणी की वजह से पार्टी से निकाला था। बाद में पार्टी में वापसी कराई गई। महेश्वर में 2018 में बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़े राजकुमार मेव की भी घरवापसी हुई और टिकट भी दिया गया है। निर्दलीय चुनाव लड़े मेव उस समय कांग्रेस प्रत्याशी से हारे थे। भाजपा का प्रत्याशी मेव से भी कम वोट ला सका था।

ओमप्रकाश धुर्वे भी मायूस 
भाजपा के राष्ट्रीय सचिव ओमप्रकाश धुर्वे टिकट मिलने के बावजूद भी खुश नजर नहीं आए। धुर्वे का बयान सामने आया कि डिंडौरी विधानसभा से चुनाव लड़ना चाहता था, लेकिन शाहपुरा से नाम तय किया गया। उन्होंने भरोसा जताने के लिए पार्टी के शीर्ष नेताओं का भी आभार माना है। धुर्वे 2018 के विधानसभा चुनाव में शाहपुरा से तीस हजार से अधिक वोटों से चुनाव हारे थे। धुर्वे का कहना है कि हाईकमान के सामने अपनी बात रखूंगा।

ध्रुवनारायण पर पुराना दांग  
भोपाल मध्य विधानसभा सीट पर भाजपा ने 10 साल बाद ध्रुवनारायण सिंह को टिकट दिया है। ध्रुवनारायण सिंह 2008 से 2013 तक मध्य सीट से ही पार्टी के उम्मीदवार थे। 2013 में शेहला हत्याकांड के बाद पार्टी ने उनका टिकट काट दिया। हालांकि सीबीआई ने मामले में ध्रुवनारायण सिंह को क्लीन चीट दे दी। अब फिर एक ग्रुप शेहला हत्याकांड की जांच कराने की मांग करने प्रदर्शन कर रहा है।

यह बयानवीर दिला पाएंगे जीत 
भोपाल उत्तर से भाजपा ने पूर्व महापौर आलोक शर्मा को टिकट दिया है। उत्तर विधानसभा से आरिफ अकील विधायक है। यह सीट लंबे समय से कांग्रेस के कब्जे में है। इसे कांग्रेस का गढ़ भी कहा जाता है। यहां पर 51 प्रतिशत अल्पसंख्यक मतदाता है।  इस सीट पर शर्मा एक बार आरिफ अकील को टक्कर दे चुके है, लेकिन उनको हार का सामना करना पड़ा था। अब शर्मा को उत्तर सीट से भाजपा ने दोबारा टिकट दिया है। शर्मा का रतलाम के कार्यकर्ता सम्मेलन में दिया एक वीडियो वायरल है। इसमें शर्मा मुसलमान मतदाताओं से कह रहे है कि भगवा पार्टी को वोट मत देना, लेकिन वोट देने भी मत जाना।