Aditya L1 Launch Live: अनंत आसमान की ओर चला भारत का अभिमान आदित्य L1 , श्रीहरिकोटा से ISRO की कामयाब लॉन्चिंग..
ISRO Aditya L1 Mission Launch Live Updates: चांद के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान 3 की ऐतिहासिक लैंडिंग के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) एक बार फिर इतिहास रचने की दहलीज पर है| अब देश के साथ-साथ विश्व देश की निगाहें ISRO के सूर्य मिशन यानी Aditya-L1 पर टिकी हैं| श्रीहरिकोटा के लॉन्चिंग सेंटर से ISRO के सूर्य मिशन आदित्य-L1 मिशन को आज 11.50 बजे लॉन्च कर दिया गया| आदित्य एल-1 अंतरिक्ष यान को पृथ्वी और सूर्य के बीच की एक फीसदी दूरी तय करके L-1 पॉइंट पर पहुंचा देगा| लॉन्चिंग के ठीक 127 दिन बाद यह अपने पॉइंट L1 तक पहुंचेगा| इस पॉइंट पर पहुंचने के बाद Aditya-L1 बेहद अहम डेटा भेजना शुरू कर देगा| जानिए इस लॉन्चिंग से जुड़े तमाम ताजा अपडेट्स-
आदित्य-L1 मिशन की सफल लॉन्चिंग, इसरो ने रचा इतिहास –
11:56 A.M. – चांद के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान 3 की ऐतिहासिक लैंडिंग के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है| ISRO के सूर्य मिशन Aditya-L1 को आज सुबह 11.50 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्पेस स्टेशन से लॉन्च किया गया| अब लॉन्चिंग के ठीक 125 दिन बाद यह अपने पॉइंट L1 तक पहुंचेगा| इस पॉइंट पर पहुंचने के बाद Aditya-L1 बेहद अहम डेटा भेजना शुरू कर देगा|
लॉन्चिंग के लिए सिर्फ 4 मिनट बाकी, सभी वैज्ञानिक लगातार रख रहे निगाह –
11:50 A.M. – सभी वैज्ञानिक अपने कंसोल पर समय बीतते हुए देख रहे हैं| अब सिर्फ 4 मिनट लॉन्चिंग के लिए बाकी हैं| इस रॉकेट के लिए खास अरेंजमेंट ऑफ पेरीजी (AOP) की व्यवस्था करनी पड़ती है| इसलिए इस रॉकेट का चौथा स्टेज एक बार में आदित्य को तय ऑर्बिट में नहीं पहुंचाएगा| पहले 30 सेकेंड के लिए ऑन होगा| जब तक आदित्य तय AOP हासिल नहीं कर लेता, चौथा स्टेज उसे छोड़ेगा नहीं|
ऑटोमेटिक लॉन्च सीक्वेंस (ALS) जारी, कुछ देर में लॉन्च होगा आदित्य-L1, सिर्फ 6 मिनट बाकी –
11:47 A.M. – आदित्य-L1 के लिए ऑटोमेटिक लॉन्च सीक्वेंस (ALS) जारी है| सभी जांच सुचारू रूप से जारी हैं| लॉन्च व्यू गैलरी में मौजूद लोग उत्साह से लबरेज हैं और बड़ी ही रोमांचक भीड़ है जो कि उस पल की प्रतीक्षा कर रही है, जब आदित्य-L1 उड़ान भरेगा| लॉन्च के लिए सिर्फ 6 मिनट बाकी रह गए हैं|
कुछ इस तरह उड़ान भरेगा आदित्य-L1, लॉन्चिंग के लिए बस चंद मिनट बाकी –
11:44 A.M. – Aditya-L1 को PSLV-XL रॉकेट अंतरिक्ष में छोड़ेगा| ये रॉकेट आदित्य-L1 को धरती की निचली कक्षा में छोड़ेगा| इसकी पेरिजी 235 किलोमीटर और एपोजी 19,500 किलोमीटर होगी है| पेरीजी का मतलब है धरती से नजदीकी दूरी और एपोजी का अर्थ है अधिकतम दूरी| आदित्य-L1 का वजन 1480.7 किलोग्राम है. लॉन्च के करीब 63 मिनट बाद रॉकेट से आदित्य-L1 स्पेसक्राफ्ट अलग हो जाएगा|
‘ISRO और भारत के लिए यह बहुत बड़ा कदम’, लॉन्चिंग पर बोले इसरो के पूर्व वैज्ञानिक –
ISRO के पूर्व वैज्ञानिक मनीष पुरोहित ने कहा कि इसरो और भारत के लिए यह बहुत बड़ा कदम है| देश की नई अंतरिक्ष नीति के साथ यह स्पष्ट है कि इसरो स्पेस इकोनॉमी में बहुत बड़ी भूमिका निभाएगा| इसलिए इसरो ने स्पष्ट रूप से इस दिशा में बड़ा कदम उठाया है|
क्यों भेजा जा रहा है आदित्य-L1 –
इसरो का सूर्यमिशन सूर्य से जुड़े कई रहस्यों को उजागर करने के लिए काम करने वाला है| आदित्य-L1 जिस खास काम के लिए भेजा जा रहा है उनमें सबसे पहले तो ये शामिल है कि, सौर तूफानों के आने की वजह क्या है और सौर लहरों और उनका धरती के वायुमंडल पर क्या असर पड़ता है, यह भी पता लगाएगा|
आदित्य-एल1 में खास बात क्या है, क्यों है ये अलग?
आदित्य-एल1 भारत का पहला सोलर मिशन है| सबसे महत्वपूर्ण पेलोड विजिबल लाइन एमिसन कोरोनाग्राफ (VELC) है| इसे इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स ने बनाया है| इसमें 7 पेलोड्स हैं. जिनमें से 6 पेलोड्स इसरो और अन्य संस्थानों ने बनाया है| आदित्य-एल1 स्पेसक्राफ्ट को धरती और सूरज के बीच एल1 ऑर्बिट में रखा जाएगा| यानी सूरज और धरती के सिस्टम के बीच मौजूद पहला लैरेंजियन प्वाइंट| इसलिए उसके नाम में L1 जुड़ा है. L1 असल में अंतरिक्ष का पार्किंग स्पेस है| जहां कई उपग्रह तैनात हैं| आदित्य-एल1 धरती से 15 लाख km दूर स्थित इस प्वाइंट से सूरज की स्टडी करेगा, करीब नहीं जाएगा|
Aditya L1: आदित्य-L1 में लगे हैं 6 पैलोड्स, जानिए कौन क्या करेगा?
Aditya L1: सोलर अल्ट्रावायलेट इमेजिंग टेलिस्कोप (SUIT): सूरज के फोटोस्फेयर और क्रोमोस्फेयर इमेजिंग करेगा. यानी नैरो और ब्रॉडबैंड इमेजिंग होगी|
सोलर लो एनर्जी एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (SoLEXS): सूरज को बतौर तारा मानकर वहां से निकलने वाली सॉफ्ट एक्स-रे किरणों की स्टडी करेगा|
हाई एनर्जी L1 ऑर्बिटिंग एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (HEL1OS): यह एक हार्ड एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर है. यह हार्ड एक्स-रे किरणों की स्टडी करेगा|
आदित्य सोलर विंड पार्टिकल एक्सपेरिमेंट (ASPEX): यह सूरज की हवाओं, प्रोटोन्स और भारी आयन के दिशाओं और उनकी स्टडी करेगा|
प्लाज्मा एनालाइजर पैकेज फॉर आदित्य (PAPA): यह सूरज की हवाओं में मौजूद इलेक्ट्रॉन्स और भारी आयन की दिशाओं और उनकी स्टडी करेगा|
एडवांस्ड ट्राई-एक्सियल हाई रेजोल्यूशन डिजिटल मैग्नेटोमीटर्स: यह सूरज के चारों तरफ मैग्नेटिक फील्ड की स्टडी करेगा|