*“पंद्रह अगस्त का दिन कहता, आजादी अभी अधूरी है”*
– “विभाजन विभीषिका” पर संगोष्ठी में भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य दिनेश शर्मा ने दिया मार्गदर्शन
– सांसद गजेंद्रसिंह पटेल ने गीत के माध्यम से स्वतंत्रता संग्राम का बखान किया
*खरगोन।* कहने को हमें 15 अगस्त 1947 को आजादी मिली है लेकिन यह आजादी अखंड भारत के रूप में प्राप्त नहीं हुई। कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में रावी के तट पर संकल्प लिया गया था कि हम अखंड भारत के रूप में आजादी प्राप्त करेंगे। देश को खंडित आजादी मिली तब जवाहरलाल नेहरू ने संसद के केंद्रीय कक्ष में कहा था कि हमने नियती के साथ एक वादा किया था उसे पूरा किया। जबकि अटलबिहारी वाजपेयी अपनी कविता के माध्यम से कहते हैं- “पंद्रह अगस्त का दिन कहता, आजादी अभी अधूरी है। सपने सच होने बाकी है, रावी की शपथ न पूरी है।”
यह बात भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य दिनेश शर्मा ने मंगलवार शाम “विभाजन विभीषिका” विषय पर जिला कार्यालय में हुई संगोष्ठी में कही। भाजपा जिला मीडिया प्रभारी प्रकाश भावसार ने बताया संगोष्ठी में खरगोन सांसद व अजजा मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री गजेंद्रसिंह पटेल, खरगोन जिलाध्यक्ष राजेंद्रसिंह राठौर, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य कल्याण अग्रवाल, जितेंद्र पाटीदार, पूर्व जिलाध्यक्ष बाबुलाल महाजन, रणजीतसिंह डंडीर, राजेंद्र यादव, जिला उपाध्यक्ष लक्ष्मण इंगले, युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष रवि वर्मा मंचासीन थे। संगोष्ठी में मुख्य वक्ता श्री शर्मा ने कहा हमें 1947 में 10 लाख हिंदुओं की लाश, डेढ़ लाख माता-बहनों की अस्मिता, दो करोड़ लोगों के विस्थापन व एक करोड़ लोगों के शरणार्थी बनने की कीमत चुकाने के बावजूद खंडित आजादी मिली। जबकि इससे 90 वर्ष पूर्व 1857 में देश को अंग्रेजों से आजादी दिलाने के लिए क्रांति हुई थी। तब इस क्रांति से अंग्रेज कांप उठे थे और उन्हें लगने लगा कि अब वे ज्यादा समय भारत पर शासन नहीं कर पाएंगे। तब अंग्रेजों ने फूट डालो और राज करो की नीति को अपनाते हुए 28 दिसंबर 1885 को अंग्रेज अफसर एओ ह्यूम के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी की स्थापना की। इस दल में अधिकांश उन लोगों को शामिल किया गया जो अंग्रेजों के लिए मुखबिरी करते थे। कांग्रेस के गठन के माध्यम से 1857 में उठी आजादी की चिंगारी को लगभग बुझा दिया गया। श्री शर्मा ने देश 1857 के संग्राम से लेकर देश के विभाजन की विभीषिका पर विस्तार से बात रखी। उन्हें इसके लिए कांग्रेस की तुष्टिकरण की नीति, जिन्ना-नेहरू का सत्ता के लिए मोह को जिम्मेदार ठहराया। संगोष्ठी के प्रारंभ में मंचासीन अतिथियों ने भारत माता, डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय के चित्र का पूजन किया। गोगावां मंडल अध्यक्ष जितेंद्र यादव ने अटलजी की कविता का वाचन किया। संगोष्ठी का संचालन श्री इंगले ने किया व आभार श्री पाटीदार ने माना।
*बांग्लादेश की घटना पर कांग्रेस ने मौन साधा*
सांसद श्री पटेल ने विभाजन विभीषिका को काला अध्याय बताते हुए कहा इसका इसमें विश्व का सबसे बड़ा नरसंहार हुआ। पाकिस्तान से भारत लौट रहे 10 लाख से अधिक हिंदुओं की हत्या की गई। आज भी पाकिस्तान व बांग्लादेश में हिंदुओं की हत्या हो रही है। हिंदुओं का जबरन धर्मांतरण किया जा रहा है। हाल ही में बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के नाम पर वहां के संसद व प्रधानमंत्री आवास में तोड़फोड़ व लूट की गई। वहां हिंदुओं का कत्लेआम कर उनके घर जलाए जा रहे हैं। माता-बहनों की इज्जत लूटी जा रही है। यह बड़े ही शर्म की बात है। इसके बावजूद हमारे देश में कांग्रेस कहती है ऐसी घटना भारत में भी होगी। जबकि हमारे यहां देश की 90 करोड़ जनता द्वारा निर्वाचित सरकार है जो बाबा साहेब अंबेडकर के बनाए संविधान से चलती है। कांग्रेस ने बांग्लादेश में हिंदुओं के नरसंहार पर अब तक एक भी शब्द नहीं बोला है। अंत में सांसद श्री पटेल ने देशभक्ति गीत के माध्यम से उपस्थित कार्यकर्ता व पदाधिकारियों में उत्साह का संचार किया।