स्नीफर डाग भी नहीं तलाश पाया

डीएफओ नरेंद्र पंडवा और एसडीओ अनिलकुमार श्रीवास्तव तेंदुआ तलाशना के लिए स्नीफर डाग के साथ पहुंचे। लेकिन थोड़ी देर यहां वहां घूमने के बाद तलाश खत्म कर दी गई। इसके पीछे अधिकारियों का कहना था कि यहां कई वन्य प्राणी होने के कारण स्नीफर डाग भी गायब हुए तेंदुआ तलाशने में भ्रमित हो रहे थे।

इधर चिड़‍ियाघर प्रशासन तेंदुआ के चिड़‍ियाघर से गायब होने पर ही सवाल उठा रहा है। जू प्रभारी डा. उत्तम यादव का कहना है कि तेंदुआ चिड़‍ियाघर से ही गायब हुआ यह साफतौर पर नहीं कहा जा सकता है। जिस पिंजरे में तेंदुआ लाया गया वह कही से भी तेंदुआ को रखने के हिसाब से ठीक नहीं था। जर्जर और कमजोर पिंजरे से रेसक्यू करने बाद रास्तें में ही कूदकर भाग भी सकता है।। उनका कहना था अभी तेंदुआ इतना बड़ा नहीं है जो किसी का शिकार कर सके। हालांकि वह किसी को घायल जरूर कर सकता है।

दर्शकों के लिए खुला रहा चिड़‍ियाघर

तेंदुआ के पिंजरे से गायब होने के बाद भी चिड़‍ियाघर दर्शकों के लिए दिनभर खुला रहा। हालांकि बारिश और ठंड के चलते दर्शकों की संख्या सामान्य से कम थी लेकिन तेंदुआ तलाशने में कर्मचारी जुटे हुए थे। सर्चिंग देर रात तक जारी रही।