नई दिल्ली में एक मीडिया हाउस के कार्यक्रम में शिवराज ने कहा कि हमारे मित्र हमें एक्टर कहते हैं तो हमें कोई फर्क नहीं पड़ता। मैं यह साफ कर देना चाहता हूं कि मैं किसी की कुर्सी पर नहीं बैठा। लोकतंत्र में जो अधिकार हैं, उसी के तहत मुख्यमंत्री के पद पर हूं। यह पद अहंकार के लिए नहीं, जनता की सेवा के लिए है।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को कहा कि सवा साल हमारी सरकार नहीं थी तो अच्छा ही हुआ। हम 15 साल से सरकार में थे। लोगों को लगने लगा था कि सड़कें बन रही हैं तो आगे भी बनेंगी। पानी मिलता है तो मिलता रहेगा। सवा साल में जनता को तुलना करने का मौका मिला। सड़कों के गड्ढे, अंधेरा भूल गए थे, उन्हें सब याद आ गया। सवाल साल ने याद दिला दिया कि वे लोग कैसे हैं और हम कैसे।
नई दिल्ली में एक मीडिया हाउस के कार्यक्रम में शिवराज ने कहा कि हमारे मित्र हमें एक्टर कहते हैं तो हमें कोई फर्क नहीं पड़ता। मैं यह साफ कर देना चाहता हूं कि मैं किसी की कुर्सी पर नहीं बैठा। लोकतंत्र में जो अधिकार हैं, उसी के तहत मुख्यमंत्री के पद पर हूं। यह पद अहंकार के लिए नहीं, जनता की सेवा के लिए है। हमारे मित्र हमें एक्टर-डायरेक्टर कहते हैं तो यह दिखाता है कि उनकी सोच कितनी उथली और छिछली है। वे काम के आधार पर हमारा विरोध नहीं कर पाते। हम जो काम करते हैं तो उसमें भी उन्हें एक्टर दिखाई देता है। जिनके दिल में कुर्सी खोने का दुख है, वह ही हमें एक्टर कह सकते हैं।
उन्होंने कहा कि समस्या यह है कि जिस पार्टी ने आजादी के बाद लंबे समय तक शासन किया, उसने इतिहास गलत पढ़ाया। एक खानदान के लोगों को प्रतिष्ठित करने का काम किया। महापुरुषों का इतिहास देश के सामने रखा ही नहीं गया। भोपाल को नवाबों का शहर कहते हैं, पर नवाब तो 300-400 साल पहले आए थे। दोस्त मोहम्मद खान ने रानी कमलापति को हराने के बाद ही भोपाल पर कब्जा किया था। टंट्या मामा क्रांतिकारी थे। अगर क्रांतिकारियों के नाम पर किसी स्थान का नाम रखते हैं तो इसमें कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री की कुर्सी रहेगी या जाएगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सब कयास मीडिया में लगाए जाते हैं। मुझे तो बहुत मजा आता है। यह हमारे बीच नहीं है। हम सब मिलकर काम कर रहे हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया भी हमारे साथ हैं। वह भी मिलकर एक टारगेट के लिए काम कर रहे हैं।