यूपी के सहारनपुर में पर्वत श्रृंखला के बीच स्थित सिद्धपीठ मां शाकंभरी के दरबार में वर्षभर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है मान्यता है कि देवी मां के दर्शन मात्र से मनुष्य के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं | यहां हर रोज यहां दूर-दूर से लोग मां शाकंभरी देवी के दर्शन करने के लिए आते हैं| मां शाकंभरी की इस शक्तिपीठ की गिनती देश की 51 मुख्य पवित्र शक्तिपीठों में की जाती है |
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में शहर से लगभग 45 किमी दूर बेहत तहसील में पहाड़ों की तलहटी में स्थित मां शाकंभरी देवी शक्तिपीठ की बहुत मान्यता है| आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मां शाकुंभरी के नाम पर सहारनपुर को विश्वविद्यालय की सौगात देंगे. वे विश्वविद्यालय की आधारशिला रखेंगे. इसके बाद यहां उनका जनसभा को भी संबोधित करने का कार्यक्रम है |
प्राकृतिक सौन्दर्य के मध्य पहाड़ियों की तलहटी में स्थित मां शाकंभरी देवी सिद्धपीठ पर लाखों लोग आते हैं| मान्यता है कि देवी मां के दर्शन मात्र से मनुष्य के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं | कहा जाता है कि जब दुर्गमासुर नाम के राक्षस के आतंक से तीनों लोक त्राहि-त्राहि करने लगे तब देवताओं के आह्वान पर मां शाकंभरी प्रकट हुईं| इसके बाद मां शाकंभरी का दानवों से भीषण युद्ध हुआ, जिसमें मां ने राक्षसों का तो अंत कर दिया, लेकिन पृथ्वी पर इस युद्ध की वजह से हरियाली समाप्त हो गई. देवताओं की प्रार्थना पर मां भगवती ने कन्दमूल तथा शाक सब्जी उत्पन्न की, जिससे मानव जाति का पोषण हो सके, इसलिए मां भगवती को यहां शाकंभरी देवी के नाम से पूजा जाता है|