केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने रविवार 6 जून को भारत के तमाम राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए परफॉर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स (PGI) 2019-20 जारी किया। अधिकांश राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने पिछले वर्षों की तुलना में PGI 2019-20 में अपने ग्रेड में सुधार किया है। PGI के तीसरे संस्करण में पंजाब, चंडीगढ़, तमिलनाडु, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और केरल को A++ ग्रेड दिया गया है। अंडमान-निकोबार द्वीप समूह, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, पुडुचेरी, पंजाब और तमिलनाडु ने PGI स्कोर में 10 प्रतिशत यानी 100 या अधिक अंकों का सुधार किया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक की मंजूरी के बाद रविवार को PGI 2019-20 का तीसरा संस्करण जारी किया गया।
क्या होता है PGI?
इसमें 70 मापदंडों के एक सेट के तहत राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को ग्रेड दिए जाते हैं। इसका मकसद राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को शिक्षा क्षेत्र में वांछित परिणाम प्राप्त करने के लिए प्रेरित करना है। सभी राज्य एवं केंद्रशासित प्रदेश, शिक्षा के क्षेत्र में अपनी कमियों को पता कर उन पर काम करते हैं। इसके आधार पर उनकी ग्रेडिंग होती है। PGI की शुरूआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्कूली शिक्षा में बदलाव लाने के विजन के तहत हुई थी। पहली बार यह इंडेक्स 2019 में जारी किया गया था।
कैसा रहा राज्यों का प्रदर्शन?
अधिकांश राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों ने पिछले वर्षों की तुलना में में अपने ग्रेड में सुधार किया है।
- अंडमान-निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप और पंजाब ने पहुंच (Access) के मामले में में 10 फीसदी (8 अंक) या उससे अधिक का सुधार दिखाया है।
- 13 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने इंफ्रास्ट्रक्चर एवं सुविधाओं के मामले में 10 फीसदी (15 अंक) या उससे अधिक का सुधार दिखाया है। वहीं, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह और ओडिशा ने 20 प्रतिशत या उससे अधिक सुधार दिखाया है।
- अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और ओडिशा ने समानता (Equity) की दिशा में 10 फीसदी से अधिक सुधार दिखाया है।
- 19 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने गवर्नेंस प्रोसेस के मामले में 10 प्रतिशत (36 अंक) या उससे अधिक का सुधार दिखाया है। अंडमान-निकोबार द्वीप समूह, आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, पंजाब, राजस्थान और पश्चिम बंगाल ने तकरीबन 20 प्रतिशत (72 अंक या अधिक) सुधार दिखाया है।